योगी बोले –वन्दे मातरम् भारत की आजादी का अमर मंत्र

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है। “वन्दे मातरम्” ने आज़ादी के दौर में जो जोश जगाया था, वही आज देश को नई प्रेरणा दे रहा है। पीएम मोदी ने इस दिन को ‘स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का जो निर्णय लिया, उसे सीएम ने “नई राष्ट्रीय चेतना की चिंगारी” बताया।

राष्ट्रगीत से राष्ट्रभाव तक – बंकिम चंद्र को नमन

लोकभवन में आयोजित समारोह में वन्दे मातरम् का सामूहिक गायन हुआ और “स्वदेशी” का संकल्प लिया गया।
सीएम योगी ने राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए कहा — “जब विदेशी शासन यातनाएँ दे रहा था, तब भारत का हर नागरिक वन्दे मातरम् के साथ जाग उठा था।”

कार्यक्रम में पीएम मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का लाइव प्रसारण भी हुआ, और माहौल एकदम “देशभक्ति + डिजिटल” कॉम्बो में बदल गया।

कोविड, कर्तव्य और क्रांति – योगी का तीन K-फॉर्मूला

सीएम ने 100 साल पुरानी महामारी की तुलना कोविड से करते हुए कहा, “तब देश की आबादी 30 करोड़ थी, अब 140 करोड़… फर्क सिर्फ जागरूकता और कर्तव्यनिष्ठा का है।” उन्होंने कहा कि आज जब भारत हर संकट में दृढ़ता से खड़ा है, तो यह “वन्दे मातरम् की आत्मा” की ही देन है।

वन्दे मातरम् – आज़ादी से अब तक का ‘राष्ट्रीय रिंगटोन’

योगी ने कहा — “1875 में लिखा गया यह गीत आज भी उतना ही प्रासंगिक है। जब भी किसी क्रांतिकारी ने फांसी का फंदा चूमा, तब उसके मुख से वन्दे मातरम् ही निकला।”

यह गीत आज भी भारत की एकता और सामूहिक चेतना का प्रतीक है। “वन्दे मातरम्” अब सिर्फ राष्ट्रगीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की धड़कन का बीट बन चुका है।

कर्तव्य ही असली वन्दे मातरम् है

सीएम ने कहा कि “वन्दे मातरम्” केवल भावनाओं का गीत नहीं, बल्कि कर्तव्य का आह्वान है।

“जब जवान सियाचिन में -40°C में पहरा देता है, जब किसान धूप में खेत जोतता है — तब वे भी वन्दे मातरम् गा रहे होते हैं।”

उन्होंने कहा कि जब नागरिक स्वार्थ छोड़कर राष्ट्रहित में काम करता है, वही असली “वन्दे मातरम्” है।

यही है भारत की असली ‘राष्ट्रीय भावना’

योगी ने अंत में कहा — “हम सब वन्दे मातरम् का हिस्सा हैं। यह गीत हमें हमारे कर्तव्यों, संस्कृति और राष्ट्रमाता के प्रति समर्पण का भाव सिखाता है।”

कार्यक्रम में मुख्य सचिव एसपी गोयल, डीजीपी राजीव कृष्ण, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे — यानी पूरा यूपी प्रशासन उस दिन “देशभक्ति मोड ऑन” में था।

अगर किसी ने अब भी नहीं समझा कि “वन्दे मातरम्” क्या है — तो सीएम योगी के शब्दों में कहें तो — “यह सिर्फ गाना नहीं, राष्ट्रभक्ति का सॉफ्टवेयर अपडेट है, जो हर 150 साल में ऑटो रिफ्रेश होता है!”

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